मित्रों, आज हम आप लोगों को द्वार प्रदाय योजना के बारे में बताने वाले हैं अगर आप इस योजना के तहत लाभ उठाना चाहते हैं और आप जानना चाहते हैं कि द्वार प्रदाय योजना क्या है और द्वार प्रदाय योजना कब शुरू हुई, द्वार प्रदाय योजना का लाभ किसे मिलेगा और द्वार प्रदाय योजना के क्या फायदे हैं, क्या पायलट प्रोजेक्ट के रूप में द्वार प्रदाय योजना शुरू हुई और द्वार प्रदाय योजना सेवा शुल्क कितना है, द्वार प्रदाय योजना के आवेदन हेतु आवश्यक दस्तावेज क्या हैं और द्वार प्रदाय योजना के लिए आवेदन कैसे करें, अगर 24 घंटे में काम न हुआ तो क्या शुल्क का पांच गुना वापस हो जाएगा, यह सारी जानकारी हम आप लोगों को देंगे तो चलिए अब जान लेते हैं।
द्वार प्रदाय योजना क्या है ?
आपको बता दें कि देश के कई राज्यों ने अपने नागरिकों की सुविधा के लिए ऐसी योजनाएं शुरू की हैं जिनका लाभ लेने के लिए उनको सरकारी दफ्तरों के चक्कर काटने की जरूरत नहीं। वह ऑनलाइन आवेदन कर घर बैठे इन योजनाओं का लाभ उठा सकते हैं वह भी निश्चित समय सीमा के भीतर। यदि उनके पास घर में आवेदन की सुविधा उपलब्ध नहीं तो वह लोक सेवा केंद्रों के माध्यम से इन योजनाओं के लिए आवेदन कर सकते हैं। द्वार प्रदाय भी एक ऐसी ही योजना है। मध्य प्रदेश में पिछले साल के अगस्त महीने में एक अभियान शुरू किया गया था जिसका नाम लोक सेवा गारंटी एक्ट-आपकी सरकार आपके द्वार था। इसके अंतर्गत मध्य प्रदेश के गांवों और शहरों में हर महीने लोगों की दिक्कतें दूर करने के लिए शिविर लगाए जाते थे। इनका मकसद यह था कि गांवों के लोगों को किसी काम के लिए शहर के चक्कर न काटने पड़ें और शहर के लोगों को कार्यालयों के चक्कर न काटने पड़ें। इसी अभियान के तहत अब एक और योजना लाई गई है जिसका नाम द्वार प्रदान योजना है। इस योजना के तहत पांच तरह की सेवा लोगों को घर बैठे 24 घंटे मुहैया कराना था ताकि उन्हें इन सेवाओं के लिए सरकारी दफ्तरों की खाक छानने को मजबूर न होना पड़े।
द्वार प्रदाय योजना कब शुरू हुई ?
द्वार प्रदाय योजना को शुरू हुए ज्यादा समय नहीं बीता है। यही कोई कुल मिलाकर करीब साढ़े तीन महीने। इस द्वार प्रदाय योजना की शुरुआत इसी साल 25 जनवरी को मध्य प्रदेश में तत्कालीन मुख्यमंत्री कमलनाथ ने की थी। इस योजना को शुरू करने का मकसद लोगों के लिए जीवन को और आसान बनाना था। द्वार प्रदाय योजना को लाने के पीछे सोच यह थी कि जिस तरह शिविर लगाकर अफसरों ने लोगों को उनके मोहल्लों में और गांवों में प्रमाण पत्र बनाने जैसी सुविधाएं मुहैया कराई अगर यह सुविधाएं एक निश्चित समय अवधि में उन्हें ऑनलाइन प्रदान की जाएं तो उन लोगों को और अधिक फायदा इस कदम से होगा।
द्वार प्रदाय योजना का लाभ किसे मिलेगा ?
द्वार प्रदाय योजना के लाभार्थी मध्य प्रदेश के निवासी ही हो सकते हैं यानी कि यदि कोई राजस्थान या किसी अन्य प्रदेश का निवासी सोचे कि वह इस योजना का लाभ उठा ले तो ऐसा नहीं किया जा सकता। द्वार प्रदाय योजना के संचालन का जिम्मा मध्य प्रदेश के खाद्य, नागरिक आपूर्ति और उपभोक्ता संरक्षण विभाग को सौंपा गया है।
द्वार प्रदाय योजना के क्या फायदे हैं ?
- घर बैठे आवेदन की सुविधा.
- घर में इंटरनेट की सुविधा न होने पर लोक सेवा केंद्रों के जरिये आवेदन.
- सरकारी दफ्तरों के चक्कर काटने से मुक्ति.
- नियमित समय के भीतर सेवा की डिलीवरी.
- सेवा डिलीवर न होने पर बदले में फीस का पांच गुना रिफंड.
क्या पायलट प्रोजेक्ट के रूप में द्वार प्रदाय योजना शुरू हुई ?
द्वार प्रदाय योजना को मध्य प्रदेश सरकार ने इंदौर से शुरू किया है। इसे पायलट प्रोजेक्ट के तौर पर शुरू किया गया है। इंदौर से द्वार प्रदाय योजना को शुरू करने की वजह यह मानी जाती है कि इंदौर स्वच्छता के मामले में देश में अव्वल स्थान पर रहा है। यह प्रशासन और स्थानीय नागरिकों की भागीदारी से इस मुकाम तक पहुंचा है। इसलिए इस योजना के माध्यम से सरकार लोगों के साथ मिलकर काम करना चाहती है ताकि इसके माध्यम से राज्य अग्रणी प्रदेशों में गिना जाए।
द्वार प्रदाय योजना सेवा शुल्क कितना है ?
यहां आपको यह बात भी साफ कर दें कि यह सुविधा निशुल्क नहीं दी जा रही है। आवेदन के साथ ही इस सेवा के लिए आवेदक को 50 रुपये का भुगतान करना होगा। आपको यह भी बता दें कि द्वार प्रदाय योजना को बेहतर तरीके से संचालित करने के लिए लोक सेवा केंद्रों की संख्या भी बढ़ाई गई है जो 326 से 426 कर दी गई है। इन पर हर रोज 20 से 30 हजार आवेदन आते हैं।
द्वार प्रदाय योजना के आवेदन हेतु आवश्यक दस्तावेज क्या हैं ?
- आय प्रमाण पत्र.
- मूल निवासी प्रमाण पत्र.
- जन्म प्रमाण पत्र.
- मृत्यु प्रमाण पत्र.
- खसरा-खतौनी की नकल.
द्वार प्रदाय योजना के लिए आवेदन कैसे करें ?
द्वार प्रदाय योजना के लिए आवेदन करने की प्रक्रिया इस प्रकार है। सबसे पहले आपको सरकार की आधिकारिक वेबसाइट पर जाना होगा। आवेदन के लिए सीएससी, ई-मित्र या ऑनलाइन पोर्टल का चुनाव कर सकते हैं। होम पेज पर द्वार प्रदाय योजना के लिए दिए गए लिंक को क्लिक करें। सारी जानकारी भरने के बाद उसके सामने डोर डिलीवरी का विकल्प आएगा। इस विकल्प पर क्लिक कर दें। इसके बाद आवेदकों की आवेदन प्रक्रिया संपन्न हो जाएगी। 24 घंटे के भीतर आपका काम हो जाएगा।
अगर 24 घंटे में काम न हुआ तो क्या शुल्क का पांच गुना वापस हो जाएगा ?
द्वार प्रदाय योजना की एक अहम बात यह है कि यदि आपका कार्य निर्धारित 24 घंटे के भीतर नहीं होता तो आपकी परेशानी के लिए सेवा प्रदाता आपको पांच गुना भुगतान करेगा। जैसे कि सेवाओं के लिए 50 रुपये का भुगतान रखा गया है और यदि आपका काम 24 घंटे में नहीं होता तो सेवा प्रदाता की ओर से आपको 250 रुपये का भुगतान किया जाएगा। इस तरह से यह योजना उपभोक्ताओं के लिए बेहद लाभप्रद है।