उत्तर प्रदेश सरकार ने राज्य के नागरिकों के लिए बहुत सारी योजनाएं चलाई हुई हैं इसी में एक मुख्यमंत्री कृषक दुर्घटना कल्याण योजना है ये योजना किसानों के कल्याण के लिए शुरू की गई है। इस योजना का लाभ कैसे लें और इसकी पात्रता क्या है, आवेदन तरीका सारी जानकारी विस्तार पूर्वक जानते हैं।
उत्तर प्रदेश कृषक दुर्घटना कल्याण योजना:- उत्तर प्रदेश कृषक दुर्घटना कल्याण योजना खासतौर किसानों के कल्याण के लिए चलाई गई है अगर किसी किसान की खेती करने के दौरान किसी वजह से मृत्यु हो जाती है तो उसे राज्य सरकार के द्वारा 5 लाख रुपये का मुआवजा दिया जायेगा और अगर कोई किसान 60% प्रतिशत से ज्यादा विकलांग है। तो उस किसान को 2 लाख रुपये का मुआवजा दिया जायेगा और उन्ही लोगों को इस योजना का लाभ मिलेगा जो परिवार के अकेले कमाने वाले हैं। आप लोगों को पता ही होगा परिवार के एकमात्र कमाने वाले कि मृत्यु हो जाये तो पूरा परिवार आर्थिक रूप से संकट में आ जाता है।
उत्तर प्रदेश कृषक दुर्घटना कल्याण योजना के क्या लाभ हैं ?
परिवार का एकमात्र कमाने वाला किसान की मृत्यु हो जाने पर उसके परिवार को 5 लाख रुपये का मुआवजा दिया जायेगा और इसका लाभ किसान की पत्नी, बेटी, बेटा या माता, पिता इनमें से कोई भी ले सकते हैं। इस योजना में अगर कोई विकलांग किसान हिस्सा ले रहा है तो उनको अलग अलग मुआवजे की धनराशि का भुगतान किया जायेगा।
उत्तर प्रदेश कृषक दुर्घटना कल्याण योजना की विशेषताएं ?
- किसान भाइयों के कल्याण के लिए यह योजना लाई गई है.
- किसी किसान की खेती के दौरान मृत्यु हो जाये तो उसे 5 लाख रुपये का मुआवजा दिया जायेगा यह मुआवजा उनके परिवार को मिलेगा.
- योजना में उन्ही लोग पात्र होंगे जिनकी उम्र 18 साल से 70 साल के बीच है.
- योजना विकलांग किसानों को ज्यादा मुआवजा प्रदान करेगी.
उत्तर प्रदेश कृषक दुर्घटना कल्याण योजना के लाभर्ती ?
- किसान किसी और जमीन पर खेती करता है.
- खाताधारक किसान.
- बटाईदार किसान जो किसी और खेत में काम करते हैं.
- योजना का लाभ किसान की पत्नी, बेटी, बेटा या माता, पिता इनमें से कोई भी ले सकते हैं.
उत्तर प्रदेश कृषक दुर्घटना कल्याण योजना के लिए आवेदन कैसे करें ?
उत्तर प्रदेश कृषक दुर्घटना कल्याण योजना का पंजीकरण करने के लिए किसान और उसके परिवार को जिला कलेक्टर से निवेदन करते हुए एक आवेदन लिखना होगा। इस आवेदन पत्र में किसान की मृत्यु किस वजह से हुई उसके बारे में सभी विवरण होंगे। ये आवेदन योजना दिशा-निर्देशों में नामांकित समय के अंदर तहसील कार्यालय में जमा किया जाना है और किसान का मृत्यु सर्टिफिकेट या विकलांगता सर्टिफिकेट सहित निर्दिष्ट सभी दस्तावेजों को जोड़ने होंगे।